Teej par Sanskrit shlok

 


दानेन भुतानि वशीभवन्ति दानेन वैराण्यपि यान्ति नाशम्।

परोऽपि बन्धुत्वमुपैति दानैर्दान हि सर्वव्यसनानि हन्ति॥

अर्थ:- दान से सभी प्राणी वश होते है; दान से बैर (शत्रुताओं) का नाश होता है। दान से शत्रु भी भाई बन जाता है; दान से सभी व्यसनों का नाश होता है॥

Comments

  1. आपको और आपके परिवार को तीज की हार्दिक शुभकामनाएं।
    विक्रम सिंह

    ReplyDelete
  2. आपको तीज की हार्दिक शुभकामनाएं।

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

यथा चतुर्भिः कनकं परीक्ष्यते, निर्घषणच्छेदन श्लोक का

गभीरे कासारे विशति विजने घोरविपिने shlok ka arth