यदि सन्तं सेवति यद्यसन्तं श्लोक का अर्थ


 

*यदि सन्तं सेवति यद्यसन्तं*

           *तपस्विनं यदि वा स्तेनमेव।* 

*वासो यथा रङ्गवशं प्रयाति* 

           *तथा स तेषां वशमभ्युपैति।।*


अर्थात - कपड़े को जिस रंग में रंगा जाए उस पर वैसा ही रंग चढ़ जाता है l इसी प्रकार सज्जन के साथ रहने पर सज्जनता, चोर के साथ रहने पर चोरी तथा तपस्वी के साथ रहने पर तपश्चर्या का रंग चढ़ जाता है।


*🙏💐🌻मङ्गलं सुप्रभातम्🌻💐🙏*

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